कलियुग आयो अब कारमो ,
सुनलो नर और नार ,
भक्ति धर्म मोहे लुपेंगे ,
रहे नहीं उनकी मर्याद ,....कलियुग
गुरूजी का कहा चेला नहीं मानेगा ,
और घर घर जगेगी ज्योत ,
नर और नारी एकांत में मिलेंगे ,
और नहीं रहे आत्मा की पहचान,.... कलियुग
विषय के व्यापार मे गुरु से मिलेंगे
जूठे होंगे नर और नार ,
आड़ धर्म की ओथ लेगे ,
रखे नहीं अलख की पहेचान ,.... कलियुग
एक दूजे के अवगुण ढूढेंगे
और करेंगे खीचताण ,
कजिया कलेश की वृद्धि होगी तब ,
नही आवे प्रभु मोरे द्वार ,.... कलियुग
सच्चे मेरे भाई करे अलख की आराध
प्रभु पधारे उनके द्वार
गंगासती ने ऐसा कहा ,
आप करो सच्चे का संग ,.... कलियुग